कविता(दिव्य धरा)

        

।।दिव्य धरा ।।

सकल लोक भूलोक सृष्टि में जिसका होता

मान,

दिव्यधरा है पुण्यधरा है पावन भारतभूमि

महान,

जिसकी गाथाओं का होता सकल विश्व मे

गान,

देव भूमि ये पूज्य पुरातन अखिललोक का

ज्ञान,

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दानवीर,महावीर,सूरमा जन्में दिव्यपुंज 

बलखान,

वीर शिवाजी राणा,सांगा,पृथ्वी भूपति से

बलवान,

द्रुपद सुता अनुसुइया माता नारी गरिमा की

पहचान, 

कर्ण,हरिश्चंद्र,राजा शिवि से दानवीरता दिव्य

महान,

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जयःहिन्द

शिव शंकर झा "शिव"

स्वतन्त्र लेखक

व्यंग्यकार

शायर

०७.०२.२०२२



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