।।लहू पूछेगा।।
【1】
मौत के खौफ से रस्ता बदल दूं मंजूर नहीं हरगिज,
मैं तो बस उसूल,हक,शान से जीने का
आदी हूँ,
【2】
मेरा लहू मेरे जर्रे जर्रे से गुफ्तगू करता है सदा,
गौर रहे खून में मिलाबट न होने देना कभी,
【3】
मौत का फरमान जारी होने की फिक्रहै नहीं मुझे,
मौत मेरी आये सामने तब खौफ उसके जहन में हो,
【4】
जिंदगी चंद पलों की कमजोर सफर ही तो है,
मैं इस सफर पर काल का हमसाया बनना चाहता हूं,
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शिव शंकर झा "शिव"
स्वतन्त्र लेखक
व्यंग्यकार
शायर
२२.११.२१ 0८.०४