कविता(ऊर्जा,लय,ध्यान दे दे..)

 

ऊर्जा,लय,ध्यान दे दे..

✍️🌷🌷🌷🌷✍️

हे धवल वस्त्र धारिणी माँ 

बुद्धि यश प्रदायिनी माँ।।

मंद मति को ज्ञान दे दे,

ऊर्जा लय ध्यान दे दे।।

माँ हमें उर से लगाकर,

शक्ति वाणी मान दे दे।।

ज्ञान का आशीष दे दे...


माँ हमें नव गीत दे दे,

मधुरतम संगीत दे दे।।

मनुज की मेधा प्रबल हो,

शब्द रस भंडार दे दे।।

कर्म धन उपकार दे दे,

ज्ञान का आशीष दे दे...


मान,यश उपकार देदे,

मानवीय व्यवहार देदे।।

प्रेम मय संसार दे दे,

तम छटे मेधा प्रखर हो।।

मनुजता को ज्ञान दे दे,

ज्ञान का आशीष दे दे...


कलम को नवधार दे दे,

माँ हमें नवज्ञान दे दे।।

दिव्यता और मान दे दे,

सकल सुखमय जगत हो।।

चरण रज में ठौर दे दे

ज्ञान का आशीष दे दे...


नव मती दे नव गती दे,

मम ह्रदय में ज्योति दे दे।।

नेह सुचिता नीति दे दे,

भेद का भेदन करो माँ।।

मनुजता में प्रीति दे दे,

ज्ञान का आशीष देदे।।


शिव शंकर झा "शिव"

स्वतंत्र लेखक

✍️कवि✍️

०५.०२.२०२२ ०९.०० पूर्वाह्न

वसंत पंचमी के अवसर पर

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