कविता
जिंदगी इम्तिहान है.
कभी सफल,
कभी असफल।
कभी गुमनाम,
कभी पहचान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
कभी फर्श,
कभी अर्श।
कभी संघर्ष,
कभी नफा,नुकसान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
कभी दौलत,
कभी शौहरत।
कभी आफ़त,
कभी उजड़ा जहान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
कभी कर्ज,
कभी मर्ज़।
कभी फ़र्ज़,
कभी साँसत में जान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
कभी प्यार,
कभी बहार।
कभी उपहार,
कभी उजड़ी दुकान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
कभी रिश्ते,
कभी पिसते।
कभी घिसते,
कभी घण्टा समान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
कभी मान,
कभी अपमान।
कभी गुनगान,
कभी टूटा मचान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
कभी दग़ा,
कभी ठगा।
कभी जग सगा,
कभी धोखे की खान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
कभी रंग,
कभी भंग।
कभी जीवन से तंग,
कभी हस्ती महान है।
जिंदगी इम्तिहान है।
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
शिव शंकर झा "शिव"
स्वतन्त्र लेखक
व्यंग्यकार
शायर
०७.०७.२०२२ ०९.४४ पूर्वाह्न