कविता🇮🇳 मेरा हिंदुस्तान🇮🇳

 

🌷🌷कविता🌷🌷

🇮🇳मेरा हिंदुस्तान🇮🇳


वतन वासियो ध्वज भारत का,

मस्तिष्क है अभिमान है।

ध्वज आरोहण करो सहर्ष हो,

हम सबका स्वाभिमान है।

आन बान अरु शान का द्योतक, 

अखिल विश्व में मान है।

इसी तिरंगे की छाया में,

मेरा हिंदुस्तान है सारा हिदुस्तान है।


सीमा पर प्रहरी डटा अडिग,

भीषण मौसम में रहे सजग।

भीषण सर्दी भीषण ज्वाला,

हो अंधड़ भूकम्पन पाला।

रणकुशल अजेय है समर धीर, 

अद्भुत अनुपम भारत का वीर।

वह धीर कुशल रण साहस की,

धैर्य समेटे खान है दिनमान है।

मेरा हिंदुस्तान है सारा हिंदुस्तान है।


वह कृषक खेत पगडंडी पर,

चल पड़ा भोर खुरपी लेकर।

हरियाली भर देता जग में,

है देशभक्ति उसके रग में।

वह धूप छांव का यायावर,

करता खेतों में श्रम दिनभर।

तब भोजन का है कौर मिला,

जग महका महका पुष्प खिला।

वह मिट्टी से सोना कर दे, 

है लोकतंत्र की जान और पहचान है।

मेरा हिंदुस्तान है सारा हिदुस्तान है।


🇮🇳जयहिन्द🇮🇳

✍️रचनाकार✍️

शिव शंकर झा "शिव"

स्वतन्त्र लेखक

व्यंग्यकार

शायर

१५.०८.२०२२ ०७.४९पूर्वाह्न










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