गीत
पिया गइल दूर देशवा..
पिया गइल दूर देशवा,
कि निंदिया आवत ना…।
भोर भइलवा हाँ जी,
भोर भइलवा…।
मोहि सखियां चिड़ावत,
करिया बदरी पिय कूँ संग…।
लावत ना बैरन लावत ना,
कि निंदिया आवत ना..
पिया गइल दूर देशवा…।
सावनवा में हूक उठतवा,
बदलत करवट रैन कटतवा…।
अंखिया सूनी दिल धड़कतवा,
गैल निहारत आवत जावत…।
देखूं बेगि बेगि मारगवा,
कितहूँ नज़र वे आवत ना…।
कि निंदिया आवत ना,
पिया गइल दूर देशवा…।
अबकी बेर अबेर भई कत,
घिरत घिरत देखूँ जब बदरा…।
नाँचत मोर युगल बागनवा,
कइसे कहल चैन आवत ना…।
आत दिखै ना भरतरवा,
कि निंदिया आवत ना…
पिया गइल दूर देशवा…।
रोज रोज मोहि सखीं खिझावत,
चिरई चिरौटा वदन जलावत…।
मेघ निहारत जिय घबराइल,
लौट के रिलिया आवत ना…।
मंद बयार जियल उकसावल,
कि निंदिया आवत ना…।
पिया गइल दूर देशवा...
कि निंदिया आवत ना…।
सर्वाधिकार सुरक्षित
शिव शंकर झा "शिव"
स्वतंत्र लेखक
०६.०८.२०२२ ०९.०२पूर्वाह्न