कविता✍️सत्य बोलो मुक्त !✍️


कविता

✍️सत्य बोलो मुक्त !✍️


नीतियों का चक्र,चक्र चक्र चक्र !

पतीले में छेद,छेद छेद छेद

झूठ "सदाचार",नित नए प्रचार

मज़हबी विभेद,भेद भेद भेद !


झूठ झूठ झूठ,निरा निरा झूठ

झुनझुना थमा,राम राम गा

रंग ढंग रंग,गिरगिटों सा रंग

कूट कूट कूट,ओखली में कूट


धूल झौंक झौंक ,सामने से झौंक

सीख ले ये ज्ञान,बन जा फिर महान

दौर दौर दौर,आजकल का दौर

काली दाल छौंक,मिर्च डाल छौंक


चारणों की मौज,रोज तीज दौज

इनके घर बहार,मिट रहे बजार

जिंदगी सी ख़्वार,कर्ज की बयार

मंहगाई की तोंद,रौंद रौंद रौंद


गूँगे बहरे खास,पा गए विकास

अपनी अपनी जय,उनकी हार तय

हाँ में हाँ तो मेल,खिलाफ गए तो जेल

जेब जेब भार,जय जयत सरकार


मज़हब का खेल,तालमेल मेल 

जातिवाद नीति,बोलने पर जेल 

सच पर रोक जारी,बोलना है भारी

राजनीति नीति रीति,धड़ाम धड़ाम नीति


देखो चुप्प चाप,समझ लो जी आप

जो मिले वह पा,हिन्दू मुस्लिम गा

हम हैं असली भक्त,बाकी सब अभक्त

खत्म हो विपक्ष,अपना पावन लक्ष्य


आज का जो दौर,स्वर्ण काल काल

दिव्य राज काज,है खुला अगाज

देश भक्त राज,नाज़ नाज़ नाज़

राम नाम सत्य,सत्य बोलो मुक्त!


सर्वाधिकार सुरक्षित

शिव शंकर झा "शिव"

स्वतन्त्र लेखक

व्यंग्यकार

शायर

२७.१२.२०२२ ०८.३८पूर्वाह्न (२५२)

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