कविता..स्वागत है नव वर्ष..

 

कविता

स्वागत है नव वर्ष

✍️✍️🌷✍️✍️


तुम आना नव नूतन निर्माण सहित, 

यश गान मान सम्मान ज्ञान उत्थान सहित।

उन्नती प्रगति भारत भू के गुण गान सहित,

आना आना नव वर्ष दिव्य पहचान सहित।

✍️✍️🌷✍️✍️

नवचेतना सृजन संग,प्रिय आना इसबार,

मनुज विजयी हो,रुग्ण व्याधि पर झारि।

ऊर्जा गति संचार मिले,नव मेधा सबको, 

दिनकर सी आभा दे देना,नवल वर्ष उपहार।

✍️✍️🌷✍️✍️
आना जाना खोना पाना नव नित आशाएं,

आनन्द नेह के पुष्प प्रेम की ललित कलाएं।

नवल वर्ष में पा जाएं सब वैभव सब सुख,

हों वैभव सम्पन्न स्वास्थ्य सब उत्तम पाएं।

✍️✍️🌷✍️✍️

आने का क्रम और फेरि जाने का अनुक्रम,

अपने वश में कहाँ रहा प्राकृतिक उपक्रम।

कौन रोक पाया जाने वाले को जग में,

पथगामी कहाँ रुका रोकने से यूँ मग में।

✍️✍️🌷✍️✍️

खोया पाया मेले में हम करते आए,

दुनियां में हम कितने खोए कितने पाए।

आओ हम ढूंढ़े मेले में स्वयं संग उनको,

खो बैठे हम जिन्हें भूलवश मित्र स्वजन को।

✍️✍️🌷✍️✍️

भूल चलें हम चलो दूरियों की बातों को,

चलो मिलाएं हाथ करें जीवित नातों को।

चलो चलें हम हाथ मिला के संग संग, 

मन के भावों के साथ चलें लेकर उमंग।

✍️✍️🌷✍️✍️

मिटे बैर सब भाँति रहे सुखमय जग सारा,

चहुंदिश हो आनन्द छटे भीषण तम कारा।

रिश्तों से संक्रमण मिटे हम सब मुस्कराएं,

मिट जाएं सब बैर चलो हम हाथ मिलाएं।

✍️✍️🌷✍️✍️

शीतऋतु का है सौंदर्य निराला अनुपम,

बढ़ता है सामीप्य प्रेमरस लय मीठा पन।

आओ मिलकर चलें दूरियों को बिसराएँ,

स्वागत है नव वर्ष सभी उन्नति सुख पाएं।

स्वागत है नव वर्ष सभी उन्नति सुख पाएं।

✍️✍️🌷✍️✍️
सर्वाधिकार सुरक्षित

✍️❤️❤️❤️✍️

शिव शंकर झा "शिव"

स्वतन्त्र लेखक

व्यंग्यकार

शायर

३१.१२.२०२२ १२.००पूर्वाह्म (२५४)



















एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

buttons=(Accept !) days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !