अशआर🌷पंखों में ताकत चाहिए🌷

 

🌷अशआर🌷

पंखों में ताकत चाहिए


मिलता नहीं यूँ हीं,तोहफ़े में यारो आसमाँ

पंखों में ताकत चाहिए,बस हवा के सामने


जीतना चाहो अगर,तो हारना भी सीख लो

हारने की कसक ही,जीत तक ले जाएगी


क़ामयाबी जब मिलेगी,बहुत होंगे साथ में

मगर ये मिलती नहीं,तोहफे में यूंही दोस्तो


बहुत मुश्किल हो,कोई सहारा भी न हो

यही बेहतर वक्त है,समझ ख़ुद को आदमी


आखिरी वक्त तक,चलने का ग़र हो हौसला

मंज़िलें कदमों में होगीं,साथ रखना हौसला


जब वक़्त ख़िलाफ़ हो,तब मजा है दोस्तो

परख होती है यक़ीनन,कौन क्या है दोस्तो


फ़तह मिलती है उन्हें,हो जिन्हें ख़ुद पै यकीं 

रहमोकरम पर ग़ैर के,शेरे दिल रहते नहीं


लड़ो तो पूरी हिम्मत,ताकत जुनूं के साथ

खोखले ग़र लड़ पड़े तो,हारना तय मानिए


जो डरते नहीं ख़ुद से,जीत जाते हैं यक़ीनन

ग़ैर के कदमों के बल,मंजिलें मुश्किल में हैं


ठीक है वक़्त ख़िलाफ़ है,ज़माना ख़िलाफ़ है

यही तो वह वक़्त है,पहचान ख़ुद को आदमी


समंदर हिम्मत के बिना,तैरना मुश्किल

नाव के साये में रहकर,तैरना क्या तैरना


जिसका हो हौसला,ज़िद चट्टानों की तरह

मंजिलें खुद आ कहेंगी,आ रहीं हूँ पास मैं


दिमाग वालो ज़रा,दिल भी रखना सीख लो

दिल बड़ा नाराज़ है,हरक़त तुम्हारी देख के


सर्वाधिकार सुरक्षित

शिव शंकर झा "शिव"

स्वतंत्र लेखक

व्यंग्यकार

शायर

०६.०३.२०२३ ०८.५१ पूर्वाह्न (२८०)

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

buttons=(Accept !) days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !