अशआर-कोशिश जरूर हो !!

 

अशआर

कोशिश जरूर हो !!


चाहता है कामयाबी,हर एक आदमी

मुक़द्दर के हाथ में,लेकिन कमान है !


उम्र भर जी जान से,करते रहे सफर

कुछ पा गए मुकाँ,कुछ रह गए सिफ़र


कोशिश जरूर हो,कि हम कामयाब हों

खुद से तो कह सकें,कोशिश जरूर की


नफा नुकसान शोहरत तोहमत घुटन

जब मिलती है,तब बेहिसाब मिलती है


आदमी की हैसियत,कुछ भी नहीं रही

चाहते हैं लोग बस,ओहदे को देख कर


दौर ऐ ज़माना,बस कदम देखता है

दिल दर्द और बंदिश,ये कम देखता है


चलना नहीं मुसाफ़िर,डर डर के राह में

ख़ुद फक्र कुछ रहे,कदमों में जान थी


तोहफे में ग़र मिलें,कुछ कामयाबियाँ

ख़ुद को पता तो है,अपनी तो हैं नहीं


जीतो या हार जाओ,इसका मलाल क्या

कोई कसर न छोड़ना,उस वक़्त जीत की


शिकायत नहीं किसी की,यूँ ही किया करो

अदावत करो या इश्क़,खुलके किया करो


नकाबों के फेर में,पड़ना ना दोस्तो

जो भी किया करो,खुलके किया करो


खाताबही सभी की,उस रब के हाथ में

ज़रा लेन देन अपना,सधके किया करो


सुनना अधिक तो ठीक है,पर बोलना नहीं

बस एक ओर बैठकर,मंथन किया करो


सर्वाधिकार सुरक्षित

शिव शंकर झा "शिव"

स्वतंत्र लेखक

व्यंग्यकार

शायर

०३.०४.२०२३ ०२.४९अपराह्न(२९०)


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