अशआर-दौलत के बाद भी..!!

 

अशआर

दौलत के बाद भी..!!

✍️❤️🙏❤️✍️

उस झोंपड़ी में,रह रहे का हाल देखिए

खुशियाँ तमाम साथ,मालामाल देखिए


खुशहाल है हर हाल में,अपनों के साथ वह

हम और आप अपना,कुछ हाल देखिए


अपनों के साथ में,बैठे नहीं कभी

दौलत के बाद भी,कंगाल देखिए


कोने में ढ़ेर हो रहे,यूँ हीं उदास हो

अपने किये धरे का,जंजाल देखिए

✍️❤️🙏❤️✍️

ओहदे रुआब शोहरतें,ताकत सदा नहीं

सब बात वक़्त वक़्त की,सुर-ताल देखिए


खुशियों का राज़ उनसे,जा करके पूछिए

हर हाल में मगन,खुशहाल देखिए


तू आदमी कहाँ,खुशहाल भी कहाँ

चमड़ी चढ़ी हुई का,बस जाल देखिए


तू भी तो जानता है,कितने गुनाह किए

गुनाहों के देवता,अब हाल देखिए

✍️❤️🙏❤️✍️

आओ चले रहें,इंसान की तरह

खुशहाल देखिए,फिर कमाल देखिए


उसको गुरूर था,मैं हूँ बड़ा रईस

अब देखिएगा देखिए,बेहाल देखिए


कितनों के घर उजाड़े,फिर अपना घर बसाए

अपने किये करे का,अंजाम देखिए


था जिनको एक वक़्त,भारी नशा चढ़ा

मिट्टी और राख हो गए,गुमनाम देखिए

✍️❤️🙏❤️✍️

कोई नशे में चूर था,कोई बड़ा मशहूर था

लेकिन नहीं था आदमी,खाली गरूर था


इश्क करना चाहिए,अपनों से जरूर

दग़ा देने वाले कहीं,दूर से नहीं आते


सर्वाधिकार सुरक्षित

शिव शंकर झा "शिव"

स्वतंत्र लेखक

व्यंग्यकार

शायर

३०.०६.२०२३ ०७.३८पूर्वाह्न (३२२)

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