कविता-मैं समय,समय हूँ !!

 

।। कविता ।।

मैं समय,समय हूँ !!


गुरुओं का मैं गुरू,

समय,मैं समय,समय हूँ !!

मैं पल में दे दूँ वैभव भर भर,

पद,कद,यश,अपयश..विस्मय हूँ !!

मैं समय,समय,मैं समय,समय हूँ !!


मैं हूँ सच दिखलाने वाला,

मैं हूँ परख कराने वाला।।

मैं ही सखा स्वजन शिक्षक हूँ,

मैं जन्म,मरण,उन्नति,प्रलय हूँ।।

मैं समय,समय,मैं समय,समय हूँ !!


रहता मैं तेरे साथ साथ ,

मैं लिए हुए प्रिय हाथ हाथ ।।

चलता मैं तेरे संग संग ,

गीत मल्हार राग और लय हूँ।।

मैं समय,समय,मैं समय,समय हूँ !!


रिश्ते नाते सखा सहोदर,

दौलत शोहरत बल आडंबर।।

क्षण भर में मैं बदलूँ खाना,

करवाता खुलकर परिचय हूँ।।

मैं समय,समय,मैं समय,समय हूँ !!


मान बढ़ाई सब मुझसे है,

लेकिन तू भृमित ख़ुद से है।।

मैं बदल गया तब सब बदलेगें,

मैं समय पारखी,नित्यनित्य गतिमय हूँ।।

मैं समय,समय,मैं समय,समय हूँ !!


सर्वाधिकार सुरक्षित

शिव शंकर झा "शिव"

स्वतंत्र लेखक

२१.०७.२०२४ ०८.४८पूर्वाह्न(४१७)

🙏🏼गुरु पूर्णिमा पर विशेष🙏🏼


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