गज़ल-मुश्किलें...❤️

।। गज़ल ।।

मुश्किलें…❤️


जिंदगी जीना दर्द पीना सिखातीं मुश्किलें

क़दम दर क़दम दम आज़मातीं मुश्किलें


मुश्किलें इंसान के चेहरे दिखातीं बात पक्की

आदमी की नस्ल से परिचय करातीं मुश्किलें


ढूढ़ते रह जाओगे इंसान ख़ुद से लापता

इस हवा के साथ में चलना सिखातीं मुश्किलें


हौसला खोना नहीं दिल टूटके रोना नहीं

हौसले के साथ चल हिम्मत दिलातीं मुश्किलें


मुश्किलों की एक आदत तो बहुत अच्छी लगी

कौन नकली कौन असली सब बतातीं मुश्किलें


टूटने की क्या जरूरत अगर दिल मुश्किल में है

मुश्किलों से सीख ले क्या क्या बनातीं मुश्किलें


चंद पल की मुश्किलें बस चंद पल की मस्तियाँ

चंद पल के खेल में कितना रुलातीं मुश्किलें


मुश्किलें ग़र ना रहें तब क्या पता है कौन क्या

कौन क्या है दिल मिरे सच सच दिखातीं मुश्किलें


सर्वाधिकार सुरक्षित

शिव शंकर झा “शिव”

स्वतंत्र लेखक

१०.०८.२०२४ ०७.२३पूर्वाह्न (४२०)


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