गज़ल-नब्ज़ कमज़ोर है ..!!

 

✍️🌷गज़ल🌷✍️
नब्ज़ कमज़ोर है..!!

उड़ परिंदे परख पीछे पड़ तो ज़रा
बाज़  को  मात दे  तू उड़ तो ज़रा

है वो ख़ुद से खफ़ा और टूटा हुआ
ख़ौफ़ में बहुत है तू जकड़ तो ज़रा

आएंगीं मुश्किलें मुश्किलों से निकल
पाएगा  सब मगर पर उजड़ तो ज़रा

साथ  में  कौन  है  वक़्त  देगा बता
जान जाएगा सब तू बिछड़ तो ज़रा

है हकीक़त क्या कौन क्या क्या यहाँ
चाल क्या चल रही चाल पढ़ तो ज़रा

हार हो जीत हो फिक्र किस बात की
डर गया सो गया दम से लड़ तो ज़रा

क्या गया क्या रहा और क्या जाएगा
छोड़ चल दर्द-शिक़वे तू बढ़ तो ज़रा

गुफ़्तगू  कर  ज़रा वे भी तन्हा  बहुत
नब्ज़ कमज़ोर है कुछ पकड़ तो ज़रा

सर्वाधिकार सुरक्षित
शिव शंकर झा “शिव”
स्वतंत्र लेखक
०२.१२.२०२४ ०७.२५पूर्वाह्न (४४१)



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